विवरण
डाउनलोड Docx
और पढो
और अब हमारे पास औलक, जिसे वियतनाम भी कहा जाता है, के होआंग ओन्ह से एक दिल की बात है:प्रिय परम करुणामय गुरुवर, हाल ही में, मैंने फ्लाई-इन न्यूज़ कार्यक्रम देखा, जिसमें गुरुवर ने करुणापूर्वक उन आपदाओं के दर्शनों का खुलासा किया था, जिनका पृथ्वी को शीघ्र ही सामना करना पड़ सकता है। मैं इस समय पृथ्वी पर उत्पन्न संकट की स्थिति को गहराई से महसूस करती हूँ - यह एक बहुत बड़ा संकट और तात्कालिकता का दौर है। मैं अपने दो आंतरिक दर्शन साँझा करना चाहूँगी:एक बड़े भूकंप का पहला आंतरिक दृश्य: इस आंतरिक दृश्य में, मैंने देखा कि जिस स्थान में मैं खड़ी थी, वहां की जमीन भयानक रूप से हिल रही थी, फिर अचानक उसमें दरारें पड़ गईं, विस्फोट हुआ और वह बड़े-बड़े टुकड़ों में टूट गई। इसका परिणाम यह हुआ कि हर जगह गहरे-गहरे गड्ढे और बड़ी-बड़ी दरारें दिखाई देने लगीं। लगभग हर चीज़ - लोग, सड़कें, इमारतें - ज़मीन के नीचे दब रही थीं, जबकि नीचे से विशाल टेक्टोनिक प्लेटें ऊपर उठ रही थीं। सब कुछ भयानक गति से घटित हो रहा था। उस तात्कालिक क्षण में, मैं केवल पवित्र नाम, उपहार, गुरुवर और परमेश्वर के बारे में ही सोच सकती थी। मैंने ईमानदारी से सभी नामों का जाप किया। अचानक मुझे एक अजीब सी सुरक्षा का एहसास हुआ। और जब मैंने अपने पैरों की ओर देखा... ओह! मैं उड़ रही थी, भले ही मेरे पास पंख नहीं थे। नीचे की जमीन लगातार टूट रही थी और फट रही थी, इसके बावजूद मैं जहाँ चाहूँ, वहाँ उड़कर जा सकती थी। अंततः मैं अपनी मां से पुनः मिल गयी, जो भी गुरुवर की शिष्या हैं।कुछ दिनों बाद, मुझे दूसरा आंतरिक दृश्य दिखाई दिया: इस बार, यह एक बड़ी बाढ़ की तरह था, जिसमें सब कुछ तेजी से और भयावह रूप से पानी में डूब गया। मेरा मन तुरन्त परमेश्वर और गुरुवर की ओर मुड़ गया। तुरंत ही मुझे एहसास हुआ कि मैं पानी में नहीं डूब रही थी, जैसे अन्य लोग या मेरे आस-पास की चीजें डूब रहे थे, बल्कि ऐसा लग रहा था कि नीचे से कुछ मुझे ऊपर उठा रहा हो। जैसे-जैसे पानी बढ़ता गया, मेरा शरीर भी अपने आप उसके साथ तैरने लगा। यह इतना चमत्कारी था कि मुझे अपनी आँखों पर विश्वास ही नहीं हुआ।मैंने यह भी महसूस किया कि परमेश्वर चाहते है कि मैं यह संदेश सभी के साथ साँझा करूं: वीगन बनो, सभी प्राणियों के प्रति करुणाम जीवनशैली अपनाओ, और हमेशा परमेश्वर को याद रखो, यहां तक कि सबसे खराब परिस्थितियों में भी। परमेश्वर अपने संतानों को नहीं त्यागते जब वे उनका नाम पुकारते हैं और ईमानदारी से उन्हें याद करते हैं।मैं तहे दिल से गुरुवर को धन्यवाद देती हूँ, सदैव हमारे साथ रहने, हमारी रक्षा करने, और हमें वह मार्ग दिखाने के लिए जो महा संकट के समय मानवता को बचा सकता है। औलक (वियतनाम) से शिष्य होआंग ओन्हसदाचारी होआंग ओन्ह, आपको धन्यवाद, आपकी दिल की बात के लिए, और हमेशा परमेश्वर को याद करने तथा पवित्र नामों का जाप करना याद दिलाने के लिए।गुरुवर अपना प्रेमपूर्ण जवाब भेजते हैं: "दयालु होआंग ओन्ह, एक दृढ़ संकल्पित, वफादार परमेश्वर के शिष्य होने और क्वान यिन विधि में अच्छी तरह से ध्यान करने के लिए धन्यवाद! आपने अपने आंतरिक दर्शन में देखी गई आपदाओं के दौरान तुरंत परमेश्वर और पवित्र नामों की ओर मुड़कर सही किया। पवित्र नाम हमें और हमारे निकट के लोगों को आशीर्वाद देते हैं। इसके अलावा, परमेश्वर हमेशा हमें याद रखते हैं, इसलिए हमें हमेशा उन्हें याद रखना चाहिए। आइए हम संयुक्त एक सर्व शक्तिशाली के प्रति कृतज्ञ रहें, जो इस सबसे कठिन एवं चुनौतीपूर्ण समय में हमारे ग्रह का मार्गदर्शन कर रहें है। कामना है कि आपकी अंतरदृष्टि में देखी गई आपदाएँ वीगन जीवनशैली को बड़े पैमाने में अपनाने और सभी प्राणियों के प्रति करुणा के विस्तार के माध्यम से टल जाएँ। आप और शांतिपूर्ण औलक (वियतनाम) स्वर्गों की कृपा से धन्य हों। और आनंदमय प्रेम सीधा आपको मिले!"